Attitude Shayari in Hindi - फिदरत
जो हुआ पुराना,
उसको खंडहर समझ लिया।
नए की आदत हुई ऐसी,
कि इंसान को चादर समझ गया।
डोर रिश्तों की वैसे ही होती है नरम,
हम बिना परवाह के उस से पतंग बाजी करने लगे।
एक पल से छोटा कुछ भी नहीं,
उस पल में रिश्तों को खोने लगे।
जिक्र संचे प्यार का करो,
तो क्यों इतने नाम साथ होते है।
जिंदगी यूं रूठी हे,
घर श्मशान हो गया।
ये हुनर न जाने हमको कहाँ ले जायेगा,
चाँद बहुत दूर हे प्यारे,
समंदर उसे कहाँ छु पायेगा।
कुछ और नए की चाहत में,
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