युवाओ की सोच पर हिन्दी कविता - सबसे पहले क्या चाहिए?
यह कविता आज की नयी पीढी के युवाओ की सोच पर आधारित है, आज के बच्चो को अपने जीवन में बहुत कुछ नया चाहिए। उनकी सोच को इस कविता भें दर्शाने की कोशिश की गई है।
मुझे अलग-अलग राजनीतिक विचार धाराओ से मुक्त भारत नहीं चाहिए,
मुझे हर अच्छी राजनीतिक पार्टी चाहिए,
पर इन सब से पहले मुझे दो वक्त की रोटी और पक्का घर चाहिए।
मुझे मैक इन इंडिया और एफ.डी.आई. भी चाहिए,
पर इन सब से पहले मुझे सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा चाहिए।
मुझे साइनिंग इंडिया और डिजिटल इंडिया भी चाहिए,
पर इन सब से पहले मुझे शिक्षा की काला बाजारी बंध चाहिए।
मुझे मंदिर और मस्जिद दोनों चाहिए,
मुझे अपनी बिटिया मिस. वर्ड और साइन्सटिस्ट भी चाहिए,
पर इन सब के संग मुझे हर एक लड़की की सुरक्षा चाहिए।
मुझे एम्स और आई.आई.टी. भी चाहिए,
पर इन सब से पहले मुझे जिला अस्पताल में डॉक्टर, दवा और टेस्ट चाहिए।
मुझे स्वच्छ भारत और बुलेट ट्रेन भी चाहिए,
पर इन संग मुझे गाँवों तक रोडवेज बस भी चाहिए।
मुझे कश्मीर से लेकर डोकलाम चाहिए,
पर इन सब से पहले मुझे खाली पड़े गाँवों में 2-4 लोग चाहिए।
ये सब तो शायद मुझे चाहिए, आप भी सोच लो आपको पहले क्या चाहिए।
मुझे तो मेरा परिवार खुश चाहिए, ना कोई मजहब की बंदिश ना कोई गुटबाजी चाहिए।
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