चलो आज एक पन्ना पलटे,
कहानी वीरांगनाओं की सुनते हैं|
ये देश की वो वीर नारियां है,
जो लड़ी कभी मां बन कर,
जो खड़ी हुई बहन बन कर,
जिसने बेटी बन कर उन सपनों को स्वीकार किया|
चलो पन्ने पलटते हैं , ऐसी ही साहसी बेटियों के|
कुछ ने कल ही तो शादी का जोड़ा देखा था,
कुछ ने दो क्षण संग बिताए थे,
कुछ अभी एक नन्ही सी बच्ची को इस दुनिया में लाई थी,
कुछ दो दिन पहले ही राखी बांध के आई थी|
यह सब दृढ़ संकल्प खड़ी रही,
जब भी एक जवान शहीद हुआ|
ये ज्यादा कुछ ना बोली थी,
पर इन्होंने भी तो बलिदान दिया|
ठानी उन सपनों को सच करने की,
जो देखे थे बलिदानी वीरों ने|
सेवा भाव से हर काम किया,
और देश का ऊंचा नाम किया|
चलो सलाम करते हैं, भारत की हर एक बेटी को,
जिसने हर क्षण, हर रूप मैं सर्वोच्च बलिदान दिया|
You may also like this Hindi Poem:
No comments:
Post a Comment