वनीकरण पर कविता
आज के समय में Afforestation(वनीकरण) ही हमको ग्लोबल वार्मिंग जैसी विकट समस्या से बचा सकता है। यह सुन्दर हिन्दी कविता आपको वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करेगी, और एक सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश भी देगी।
गर्मी का जब मौसम आता
सूरज का चढता पारा
हम सबको है बहुत सताता।
पानी का स्तर तो देखो
सालों-साल गिरता है जाता।
बरसात का जब मौसम आता
तबाही का मंजर साथ में लाता।
आती है जब सर्दी फिर से
धूएँ की चादर शहरों पर चढ जाती।
रोज सोचता हूँ मैं घर में
इन सबसे हमें कौन बचाता।
जब धरती में लगता है एक नन्हा पौधा
कुछ सालों में पेड़ वो बनता।
नित शुद्ध हवा ये हमको देता
जो प्रदूषण से है लड़ता।
जब दोपहरी में धूप है चढती
तब हमको ये छाया देता।
आती है जब बाढ और आंधी
पहले वो इन पेड़ों से है टकराती।
जीते हैं ये पेड़ हमेशा
मानवता की रक्षा को।
कर्तव्य हमारा भी है बनता
हम मिल-जुल कर कुछ पेड़ लगायें।
वनीकरण को जीवन में अपनाना है,
वृक्षों की संख्या को बढाना है।
सारी समस्या हल होगी,
ग्लोबल वार्मिंग नही रहेगी।
ग्लोबल वार्मिंग सिर्फ समस्या ही नहीं है, यह हमारे आने वाले भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा खतरा भी है। आशा है, Afforestation ( वनीकरण) पर लिखी यह कविता इस विषय पर सबसे अच्छी कविता लगे और आप इसको ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुँचायें। आपके परिवार में जितने भी सदस्य है उनके नाम से हर साल कम से कम एक वृक्ष जरूर लगायें। हमारी सभी कविताएँ स्वरचित होती हैं।
Picture Credit : Environment Buddy Read More Interesting Hindi Kavita: Gopal Das Neeraj Poems | गोपालदास नीरज की कविताएँ |
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